भगवान की सर्वोत्तम कृति क्या है..
निस्संदेह मनुष्य।
84 लाख योनियों में केवल मनुष्य में ही वह काविलियत है कि वह भगवान को जान सके, पा सके।
केवल मनुष्य को ही भगवान ने यह शक्ति दी है।
अन्य योनियाँ भोग योनियाँ कहलातीहैं जिन्हें यह जीवन केवल सुख या दुख भोग करने के लिये मिला है। वे अपने पुरुषार्थ से कुछ नहीं कर सकते।
केवल मनुष्य को ही भगवान ने यह शक्ति दी है।
अन्य योनियाँ भोग योनियाँ कहलातीहैं जिन्हें यह जीवन केवल सुख या दुख भोग करने के लिये मिला है। वे अपने पुरुषार्थ से कुछ नहीं कर सकते।
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